किसानों के लिए बड़ी राहत! अब हर खेत तक पहुँचेगा पानी – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2025-26 शुरू
भारत में खेती आज भी प्रकृति पर बहुत निर्भर है। अगर समय पर बारिश न हो तो फसल बर्बाद हो जाती है, और अगर ज़्यादा बरसात हो जाए तो खेत डूब जाते हैं। किसानों की इसी परेशानी को देखते हुए सरकार ने फिर से प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) – 2025-26 को नई गाइडलाइन के साथ शुरू किया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है — “हर खेत को पानी” पहुँचाना और तकनीक के ज़रिए सिंचाई को आसान और सस्ती बनाना। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
🌱 क्या है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना?
यह योजना पहली बार साल 2015 में शुरू की गई थी, ताकि देश के हर किसान को सिंचाई की सुविधा मिल सके। अब 2025-26 के लिए इसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं। सरकार चाहती है कि हर राज्य के किसान आधुनिक सिंचाई तकनीक अपनाएँ और अपनी फसल उत्पादन को दोगुना करें।
इस बार योजना का ज़ोर “सूक्ष्म सिंचाई” (Micro Irrigation) पर है, यानी पानी को सीधा पौधे की जड़ तक पहुँचाना — जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से।
🚜 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के दो मुख्य हिस्से
- सूक्ष्म सिंचाई पद्धति (Micro Irrigation System): इसमें टपकन सिंचाई (Drip Irrigation), मिनी/माइक्रो स्प्रिंकलर और पोर्टेबल स्प्रिंकलर शामिल हैं।
- अन्य हस्तक्षेप (Other Interventions): जैसे निजी नलकूप, कुआँ और तालाब खुदवाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
💧 सूक्ष्म सिंचाई पद्धति कैसे काम करती है?
पारंपरिक खेती में किसान पूरे खेत में पानी छोड़ देते हैं, जिससे बहुत सारा पानी बर्बाद होता है। लेकिन सूक्ष्म सिंचाई में पानी सीधे पौधों की जड़ों में पहुँचता है।
👉 उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए, किसान रामदेव के पास 3 एकड़ ज़मीन है। पहले वह हर बार पूरे खेत में पानी छोड़ता था, जिससे डीजल, बिजली और समय – तीनों की बर्बादी होती थी। अब उसने ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगवाया। पाइप और छोटे-छोटे छेदों से हर पौधे को उतना ही पानी मिलता है जितनी उसे ज़रूरत है। नतीजा — पानी की 60% बचत, फसल 25% ज़्यादा और लागत आधी!
🌾 योजना में मिलने वाली आर्थिक सहायता (Subsidy Details)
- ड्रिप सिंचाई पद्धति के तहत लघु एवं सीमांत किसान को 80% अनुदान मिलेगा।
- अन्य सामान्य कृषक को 70% अनुदान मिलेगा।
- FRA पट्टाधारक कृषक को 90% तक सहायतानुदान देय है।
- पोर्टेबल स्प्रिंकलर के लिए लघु किसान को 55% और अन्य को 45% अनुदान मिलेगा।
- अन्य हस्तक्षेप (कुआँ/तालाब/नलकूप) के लिए सभी को इकाई लागत का 50% सहायता मिलेगी।
यानी अब किसान अपने खेत में ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम बहुत कम खर्च में लगवा सकते हैं। सरकार सीधे किसान के खाते में DBT के ज़रिए अनुदान देगी।
📋 आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़
- आवेदक किसान का आधार कार्ड
- अद्यतन LPC (पिछले दो वर्षों का)
- ऑनलाइन/ऑफ़लाइन रसीद या सात साल से अधिक का लीज पेपर
- ₹1000 के गैर-न्यायिक स्टांप पर प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी के समक्ष शपथ पत्र
- भूमि के नक्शे या खसरा संख्या की कॉपी
🧾 आवेदन प्रक्रिया – कैसे करें Apply?
किसान बिहार बागवानी विकास सोसायटी (Bihar Horticulture Development Society) की वेबसाइट या PMKSY के पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- वेबसाइट पर जाएँ
- “Apply for Micro Irrigation” पर क्लिक करें।
- अपनी ज़मीन की जानकारी, फसल और मोबाइल नंबर भरें।
- सभी दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।
- Estimate और Design पर हस्ताक्षर करके सबमिट करें।
कंपनी द्वारा बनाए गए Estimate और Design पर किसान का साइन करना जरूरी है। इसका मतलब है कि किसान ने योजना की लागत और सिस्टम को देखकर सहमति दी है।
🧩 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जुड़ी मुख्य शर्तें
- योजना “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर लागू होगी।
- एक भूखंड पर किसान 7 साल बाद ही फिर से इस योजना का लाभ ले सकता है।
- कार्यादेश के 30 दिनों के भीतर किसान को अपनी हिस्सेदारी ऑनलाइन जमा करनी होगी।
- काम पूरा होने के बाद किसान या एजेंसी को अनुदान DBT के माध्यम से मिलेगा।
📊 योजना का प्रभाव (2025-26 लक्ष्य)
- देशभर में 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के दायरे में लाने का लक्ष्य।
- बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र को विशेष प्राथमिकता।
- कृषक आय में औसतन 25-30% की वृद्धि का अनुमान।
🧠 क्यों जरूरी है यह योजना?
भारत में कुल खेती योग्य भूमि का लगभग 60% हिस्सा अभी भी बारिश पर निर्भर है। ऐसे में अगर हर खेत में टपकन या स्प्रिंकलर जैसी तकनीक पहुँच जाए तो न केवल पानी की बचत होगी बल्कि उत्पादन में भी क्रांति आएगी। यही इस योजना का असली मकसद है – “हर बूंद का सही उपयोग, हर किसान का सम्मान।”
PM-MKSSY जल कृषि बीमा योजना 2025-26⚠️ सावधानी: फर्जी एजेंटों से बचें
योजना पूरी तरह सरकारी है। किसी एजेंट या बिचौलिये को पैसा न दें। आवेदन हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या ब्लॉक कृषि कार्यालय से ही करें।
📢 निष्कर्ष – किसानों के लिए वरदान
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना – 2025-26 उन किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं। इस योजना से पानी की बचत, उत्पादन में बढ़ोतरी और किसानों की आमदनी तीनों में सुधार होगा। सरकार का मकसद साफ है – “हर खेत तक पानी, हर किसान खुशहाल।”












