📅 रिलीज़ डेट: 1 अगस्त 2025
🎥 निर्देशक: शाजिया इकबाल
🎭 मुख्य कलाकार: सिद्धांत चतुर्वेदी, तृप्ति डिमरी
🎶 संगीत: अजय-अतुल
🔥 भूमिका
बॉलीवुड में रोमांटिक ड्रामा की एक नई लहर लौट आई है, और करण जौहर इस बार लाया है धड़क 2 — एक ऐसी फिल्म जो प्यार और जात-पात के टकराव को संवेदनशीलता के साथ पेश करती है। यह सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि सामाजिक सच्चाई को आईना दिखाने वाली कहानी है।
🎞️ धड़क 2 मूवी रिव्यू में जानिए कहानी की झलक
धड़क 2 की कहानी घूमती है नीलेश (सिद्धांत चतुर्वेदी) और विधि (तृप्ति डिमरी) के इर्द-गिर्द। दोनों कॉलेज में पढ़ते हैं, दिल मिलते हैं और फिर समाज की दीवारें आ खड़ी होती हैं। नीलेश निचली जाति से आता है और विधि एक ऊँची जाति से।
उनके रिश्ते की शुरुआत मासूमियत से होती है लेकिन समाज का कड़वा सच इसे धीरे-धीरे एक दर्दनाक मोड़ पर ले जाता है। ये फिल्म एक कोशिश है उस मोहब्बत को समझने की, जो जात-पात की बेड़ियों में जकड़ दी जाती है।
👩🎤 एक्टिंग और किरदार
- तृप्ति डिमरी इस फिल्म की आत्मा हैं। उनका परफॉर्मेंस ईमोशनल भी है और सशक्त भी। उनकी आँखों में एक सच्चाई है जो स्क्रीन के पार दिल तक पहुंचती है।
- सिद्धांत चतुर्वेदी ने एक गंभीर किरदार निभाया है। हालांकि कुछ सीन में वो थोड़े हल्के पड़ते हैं, लेकिन कुल मिलाकर उनका अभिनय प्रभावी है।
🎬 निर्देशन और कहानी कहने का अंदाज़
शाजिया इकबाल का निर्देशन साफ और संवेदनशील है। उन्होंने किसी भी मुद्दे को ज़बरदस्ती नहीं ठूंसा, बल्कि कहानी को बहने दिया। फिल्म की गति धीमी जरूर है, लेकिन उसका प्रभाव गहरा है।
🎶 संगीत और सिनेमैटोग्राफी
- 🎵 संगीत उतना प्रभावशाली नहीं जितना पहली धड़क में था, लेकिन कुछ गाने ज़रूर दिल को छूते हैं।
- 🎥 सिनेमैटोग्राफी में लोकल टच है — कॉलेज के गलियारे, गांव की सड़कों और क्लाइमैक्स का विजुअल बहुत ही प्रभावशाली है।
⚖️ विवाद और सेंसर
CBFC ने फिल्म से 16 कट्स मांगे थे, खासकर उन डायलॉग्स और दृश्यों पर जो जातिवाद की असलियत को दिखाते थे। हालांकि डायरेक्टर ने कई सीन्स को बरकरार रखने की हिम्मत भी दिखाई।
❌ फिल्म की कमज़ोरियाँ
- सिद्धांत का किरदार कुछ जगह अधूरा लगता है।
- फिल्म का सेकंड हाफ थोड़ा खिंचा हुआ है।
- ओरिजिनल तमिल फिल्म ‘परियेरुम पेरुमाल’ की गहराई को पूरी तरह नहीं पकड़ पाई।
✅ फिल्म की खूबियाँ
- एक मजबूत सोशल मैसेज
- तृप्ति डिमरी की शानदार परफॉर्मेंस
- सामाजिक मुद्दे को संवेदनशीलता से उठाना
🌟 अंतिम समीक्षा (Final Verdict)
धड़क 2 सिर्फ एक लव स्टोरी नहीं है, ये आज के समाज का दस्तावेज़ है। यह फिल्म हमें बताती है कि प्यार कितना भी सच्चा हो, अगर समाज की सोच नहीं बदली तो उसका अंत दर्दनाक हो सकता है।
🎯 रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
📌 देखें या न देखें?
अगर आप सिर्फ इंटरटेनमेंट के लिए सिनेमा देखते हैं, तो यह थोड़ा भारी लगेगा। लेकिन अगर आप संवेदनशील और सोचने वाली फिल्में पसंद करते हैं, तो धड़क 2 आपके लिए बनी है।
📢 आप क्या सोचते हैं? क्या धड़क 2 वाकई उतनी ही प्रभावशाली है जितनी उम्मीद थी? कमेंट में बताएं और पोस्ट को शेयर करें ताकि और लोग भी जान सकें कि इस बार प्यार की धड़कन समाज से कितनी टकराई।
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